( तर्ज– खोलोजी खोलो दिल )
छोडोजी छोडो जीवन की आशा ,
तभी नाम होगा || टेक ||
तोडोजी तोडो बुरी अभिलाषा ,
तभी नाम होगा होगा ।
सुख - दुख सहता बंदे ,
वही जीव जीता ,
बाबा अमर वही होगा ।
अपनेको त्यजके जो सभीको बसाता ,
वही प्रीय होगा ॥ १ ॥
किसिने न पाई इज्जत ,
बुरी राह लेके भाई ! सुनना ही होगा ।
कमा जो कमाना जग में ,
फेर पछतायेगा , जमाना कहेगा ।
जनमको निभाले , कहे दास तुकड्या ,
समझनाही होगा ॥ २ ॥
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